काफल काको
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बुरांस की तरह
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जीवन तो है काफल की तरह
सपने सजाना घोसले की तरह
हम गाएंगे हिलांस की तरह
तुम खिलते रहना बुरांस की तरह.
- अपने प्रथम कविता संग्रह ‘दिल्ली का रास्ता’ (फरवरी, २००२) की इन चार पंक्तियों से ब्लॉग की दुनिया में प्रवेश कर रहा हूं। मेरे गांव में इन दिनों काफल पक गये होंगे। खट्टे-मीठे स्वाद वाला यह फल --काफल- कहलाता है। इसे याद करके अपना गांव, पहाड़ भी याद आ रहा है। बस आज इतना ही-----
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बुरांस की तरह
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जीवन तो है काफल की तरह
सपने सजाना घोसले की तरह
हम गाएंगे हिलांस की तरह
तुम खिलते रहना बुरांस की तरह.
- अपने प्रथम कविता संग्रह ‘दिल्ली का रास्ता’ (फरवरी, २००२) की इन चार पंक्तियों से ब्लॉग की दुनिया में प्रवेश कर रहा हूं। मेरे गांव में इन दिनों काफल पक गये होंगे। खट्टे-मीठे स्वाद वाला यह फल --काफल- कहलाता है। इसे याद करके अपना गांव, पहाड़ भी याद आ रहा है। बस आज इतना ही-----
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